वर्तमान समय में प्रगतिशील जीवन व् आधुनिकता के नाम पर प्रदूषित, अप्राकृतिक व् अनुचित तरह के आहार व् विहार को जिस तरह से व्यवहार और मनोवृति में धारण किया जा रहा है उसके फलस्वरूप मानव शरीर में कई प्रकार की व्यधियां उत्पन्न हो रही है जिनमे से एक है मधुमेह यानी डायबिटीज
मधुमेह की बीमारी में हर वह व्यक्ति जकड़ सकता है जो आधुनिक जीवनशैली के कारण आज श्रम जीवी नहीं रहा या वो परिश्रम नही करता, व्यायाम नहीं करता, खूब साधनो से संपन्न है, खानपान की जीवनशैली बिगड़ी हुई है, मानसिक तनाव ज्यादा लेता है हालांकि यह बीमारी कुछ कारणों से अनुवांशिक दोषो की वजह से भी हो जाती है
मधुमेह रोग से एक बार ग्रसित हो जाने पर इस से निजात पाना अत्यंत मुश्किल हो जाता है परंतु इसे नियंत्रित या जा सकता है व् आयुर्वेद में इसका समाधान देखने को मिलता है दरअसल रक्त में शर्करा का स्तर बड़ जाने से ही मधुमेह रोग होता है व् इस से उत्पन्न कई अन्य रोग भी हो जाते है जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत कष्टदायी होते है
मधुमेह से बचाव
मधुमेह स्वयं ही घातक रोग नहीं है बल्कि कई असाध्य रोगों का जन्मदाता भी है आज हमारे देश में ही नही अपितु विश्व में इसके रोगियों की संख्या में निरंतर इजाफा होता चला जा रहा है
अतः इस रोग के प्रति हमे जागरूक होना जरूरी है, मधुमेह रोग से बचना या इसे नियंत्रण में रखना इसके इलाज करने से कई ज्यादा उत्तम विकल्प है आज हमारे आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ीबूटियां है जिनका निरंतर सेवन करने से हम मधुमेह से बचाव कर सकते है या अगर हम इस से ग्रसित भी है तो हम अपने शुगर मेटाबोल्जिम को मैनेज कर इस पर नियंत्रण रख सकते है अतः यदि इसे नियंत्रण में रखा जाए तो कोई भी व्यक्ति बिना किसी समस्या के मधुमेह से ग्रसित होते हुए भी बिना किसी समस्या के अपना सम्पुर्ण जीवन बिता सकता है
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व का हर चौथा मधुमेह रोगी भारतीय है व् हमारे देशवासियो की आधुनिक जीवनशैली के कारण आने वाले समय में भारत मधुमेह रोगियों की राजधानी बन जायेगा और सबसे भयावह बात यह है की इस रोग के रोगियों में इन्सुलिन हार्मोन के प्रति प्रतिरोध होना शुरू हो गया है यदि समय रहते हमने अपनी जीवनशैली में आयुर्वेद को शामिल नहीं किया तो मधुमेह रोग व् इसके उपद्रव जैसे रीनल फेलियर, हार्ट अटैक, न्यूरोपैथी, लकवा, नेत्र विकार,यकृत रोग आदि जैसे होने वाले रोगों के आंकड़े बहुत चोकाने वाले होंगे
इसिलिए विविडवेज लाये है क्रांतिकारी हर्बल डायबाकेयर जो मधुमेह रोगी के शुगर मेटाबोलिस्म को मैनेज करता है । हर्बल डायबाकेयर में एलोवेरा, जामुन, हरड़, अश्वगन्धा, आमला, करेला, बहेड़ा व गुरमर का अनोखा मिश्रण है जो रक्त में शर्करा के स्तर को नियत्रिंत रखता है वो भी बिना किसी साइडडिफेक्ट के । एलोवेरा इन्सुलिन स्राव को उत्तेजित करने के साथ - साथ रक्त में शर्करा के स्तर को नियत्रिंत रखता है व करेला, जामुन, गुरमर भी शर्करा के विनाशक गुण रखते है ।
उपयोग विधि -जूस - 30 मि.लि आधे ग्लास पानी के साथ दिन में दो बार दिन व रात्रि के भोजन से पहले ।
केप्सुल - 2 केप्सूल दिन में दो बार दिन व रात्रि के भोजन से पश्चात ।
BINOD ACHARYA
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